भारत का संविधान शासन
कैबिनेट मिसन (स्टेफोर्ड क्रिप्स, पैथिक लोरेंस, अ बी अलेक्जेंडर )
( १)-अंतरिम सरकार का गठन
(२)-संविधान सभा का गठन विधानसभा के सदस्यों का चुनाव , १० लाख पर १ सदस्य , ३८९ (२९२+४+९३)
२९२=२१३ सामान्य, ७९ मुस्लिम , ४ सिख
(३)- प्रान्तों का अपना अलग संविधान बनाने का अधिकार
कैबिनेट मिसन (मार्च १९४६)- द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् ब्रिटेन में आम चुनाव हुवा जिसमे लेबर पार्टी की सरकार बनी और प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली बने, क्लीमेंट अटेली ने कामन सभा में १४ मार्च को घोसडा की की भारत को स्वतंत्र होने कका अधिकार है इसके लिए मार्च में ही क्लीमेंट अटेली ने कैबिनेट के ३ मंत्रियों का मिसन भारत भेजा
जिसे कैबिनेट मिसन कहा जाता है कैबिनेट मिसन के अध्यक्ष पैथिक लारेंस तथा दो अन्य सदस्य स्टेफोर्ड क्रिप्स तथा अ बी अलेक्जेंडर कुल ३ सदस्य थे
कैबिनेट मिशन ने निम्नलिखितयोजना प्रस्तुत की (१)- तत्काल अंतरिम सर्कार का गठन हो ,(२)- संविधान बनाने के लिए एक संविधान सभा का गठन, (३)- प्रान्तों को अपना अलग संविधान बनाने का अधिकार
अर्थात विधानसभा का गठन अप्रत्यक्ष चुनाव द्वारा हो ना कि वयस्क मताधिकार द्वारा किया जाएगा संविधान सभा के 1 सीट का निर्धारण 10 लाख की जनसंख्या पर किया गया संविधान सभा की कुल सीटें 389 निर्धारित की गई जिसमें से 292 सीटें कुल 11 ब्रिटिश प्रांतों से तथा चार सीटें ब्रिटिश कमिश्नरीदिल्ली कुर्ग अजमेरदक्षिणी बलूचिस्तानतथा 93 सीटें देसी रास्तों से निर्धारित थीइसमें कुल ब्रिटिश प्रांत से 296 292* 4 सीटें थी|
ब्रिटिश प्रांतों में समुदाय के आधार पर भी सीटों का बंटवारा किया गया था कुल 3 समुदाय निर्धारित किए थे सामान्य 213 सीटें मुस्लिम 79 सीटें तथा सीख 4 सीटें थी
प्रत्येक प्रांतों में सीटें भी निर्धारित थी तथा प्रत्येक प्रांत में संप्रदायों की जनसंख्या के अनुपात में भी सीटें बैठी थी
प्रत्येक संप्रदाय केवल अपने संप्रदाय के प्रतिनिधि को हिम्मत दे सकता था कैबिनेट मिशन की योजना को ब्रिटिश संसद में हूबहू पारित कर दिया गया और इसी योजना के आधार पर भारत में संविधान सभा का निर्माण किया गया देसी रियासत के सभी सदस्यों रियासत के प्रमुख शासक द्वारा नामित किए गए थे इस प्रकार संविधान सभा में निर्वाचित और नामित दोनों सदस्य थे
हैदराबाद रियासत अपनी सदस्यों को संविधान सभा में नहीं भेजी
संविधान सभा की कुल 15 महिलाएं 26 अनुसूचित जाति एवं 35 सदस्य अनुसूचित जनजाति के चुने गए थे संविधान सभा में एंग्लो इंडियन समुदाय के एंथिनी और पारसी समुदाय के पीएच मोदी चुने गए थे इस प्रकार संविधान सभा बहुदलीय एवं बहुत संप्रदायिक थी
संविधान सभा का गठन
औपचारिक रूप से डॉक्टर एम एन राय ने 1934 में संविधान सभा के गठन की मांग प्रस्तुत की क्रिप्स मिशन के माध्यम से सन 1942 में ब्रिटिश सरकार ने संविधान सभा के गठन की बात स्वीकार की लेकिन व्यवहारिक रूप से अभिव्यक्ति 1946 कैबिनेट मिशन द्वारा 1946 में दिया गया
संविधान सभा का चुनाव जुलाई 1946 में प्रारंभ हुआ और अगस्त 1946 में समाप्त हुआ चुनाव में कांग्रेस 208 सीटों पर मुस्लिम लीग 73 सीटों पर तथा 15 अन्य सदस्य जो और 8 निर्दलीय थी सीट पर विजई हुए अतः मुस्लिम लीग को कम सीटें प्राप्त होने के कारण अंतरिम मंत्रिमंडल अंतरिम सरकार गठित करने का अवसर नहीं मिला पाएगा इसलिए उसने अंतरिम मंत्रिमंडल के विरोध में 16 अगस्त 1946 को प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस मनाया|
ब्रिटिस प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली ने २४ अगस्त १९४६ को अंतरिम सर्कार के गठन की घोसणाकी आर २ सितम्बर १९४६ को पंडित जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में अंतरिम सर्कार का गठन हुआ
शुरू में मुस्लिम लीग के सदस्य संविधान सभा में सामिल नहीं हुए लेकिन २४अक्टूबर १९४६ को संविधान सभा में सम्मिलित होने की घोसणा कर दी तथा सामिल हो गए|
संविधान सभा में सामिल होने का मुस्लिम लीग का मुख्या उद्देश्य संविधान सभा की कारवाही को बाधित करना तह पाकिस्तान की मांग करते रहना |
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