भारत में संविधान निर्माण, Cabinet mission march 1946, कैबिनेट मिशन मार्च 1946, संविधान सभा का गठन,

भारत में संविधान निर्माण, Cabinet mission march 1946, कैबिनेट मिशन मार्च 1946, संविधान सभा का गठन,

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पश्चात ब्रिटेन में आम चुनाव हुआ जिसमें लेबर पार्टी की सरकार बनी। तथा प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली बने क्लिमेंट एटली ने कामन सभा में 14 मार्च 1946 को यह घोषणा किया, कि भारत को स्वतंत्र होने का पूर्ण अधिकार है। इसके लिए उन्होंने मार्च में ही अपना कैबिनेट के तीन मंत्री का एक मिशन भारत भेजा जिसे कैबिनेट मिशन कहा गया ।मिशन के अध्यक्ष लाड पैथिक लोरेंस हुआ अन्य 2 सदस्य एबी एलेग्जेंडर तथा स्टेफोर्ड क्रिप्स थे ।

कैबिनेट मिशन ने निम्न योजना प्रस्तुत की।

(1)-तत्काल अंतरिम सरकार का गठन।
(2)-संविधान बनाने के लिए एक संविधान सभा का गठन हो।
(3)-प्रांतों को अपना अलग संविधान बनाने का अधिकार है।
(4)-संविधान सभा का गठन प्रांतों के विधानसभा के सदस्यों द्वारा होगा। जबकि विधानसभा का गठन अप्रत्यक्ष रूप से होगा ना कि वयस्क मताधिकार द्वारा।
 (5)-संविधान-संविधान सभा की एक सीट का निर्धारण 10 लाख की जनसंख्या पर होगा।
(6)-संविधान सभा की कुल 389 सीटें निर्धारित की गई जिसमें 292 सीट कुल 11 ब्रिटिश प्रांत प्रांतों से 4 सीट कमिश्नर ( दिल्ली, कुर्ग, अजमेर, दक्षिणी बलूचिस्तान) तथा 93 सीटें देसी रियासत के लिए थी। अर्थात ब्रिटिश प्रांतों में कुल 256 (294 + 4) सीटें थी।
(7)-ब्रिटिश प्रांतों में भी समुदाय के आधार पर सीटों का बंटवारा हुआ था सामान्य 213, मुस्लिम 79, अन्य 4 प्रत्येक संप्रदाय सिर्फ अपने संप्रदाय के ही प्रतिनिधि को मत दे सकता था
(8)-कैबिनेट मिशन की यह योजना ब्रिटिश संसद में पेश की गई जिसे ब्रिटिश संसद ने हूबहू पारित कर दिया और इसी योजना के आधार पर भारत में संविधान सभा का गठन किया गया। देसी रियासत के सभी सदस्य सदस्यों का चुनाव रियासत के प्रमुख राजा द्वारा नामित किए गए, इस प्रकार के संविधान सभा में नामित व निर्वाचित दोनों सदस्य थे। हैदराबाद रियासत से कोई प्रतिनिधि भाग नहीं लिया था।
(9)-संविधान सभा में एंग्लो इंडियन समुदाय से एंथिनी व पारसी समुदाय से पीएच मोदी चुने गए थे। इस प्रकार संविधान सभा बहुदलीय बहू संप्रदाय वादी थी।

 (संविधान सभा गठन)

*औपचारिक रूप से डॉक्टर एम.एन. राव ने 1934 में संविधान सभा का गठन की मांग प्रस्तुत की
 *क्रिप्स मिशन के माध्यम से 1942 में ब्रिटिश सरकार ने संविधान सभा के गठन की बात स्वीकार की लेकिन व्यवहारिक रूप से 1946 में कैबिनेट मिशन द्वारा किया गया।
*संविधान सभा का चुनाव जुलाई 1946 को प्रारंभ हुआ वह अगस्त 1946 में समाप्त हुआ चुनाव में कांग्रेस 208 मुस्लिम लीग 73 व 15 सदस्य अन्य और 8 निर्दल सीटें प्राप्त की।
*अतः मुस्लिम लीग को कम सीटें प्राप्त होने के कारण संविधान सभा के गठन तथा अंतरिम मंत्रिमंडल के गठन का अवसर नहीं मिला।
*इसी कारण मुस्लिम लीग अंतरिम मंत्रिमंडल के विरोध में 16 अगस्त 1946 को प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस मनाया। 
*ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लिमेंट एटली ने 24 अगस्त 1946 को अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा की और 2 सितंबर 1946 को पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन किया गया।

*प्रारंभ में मुस्लिम लीग के सदस्य संविधान सभा में शामिल नहीं हुए लेकिन 24 अक्टूबर 1946 को संविधान सभा में शामिल होने की घोषणा किया गया।

*संविधान सभा में शामिल होने का मुख्य उद्देश्य मुस्लिम लीग द्वारा संविधान सभा की कार्यवाही को बाधित करना तथा पाकिस्तान की मांग करना था।
*कानून में अंतरिम सरकार में कुल 13 सदस्य थे लेकिन मुस्लिम लेकर विलय के पश्चात पहले के तीन सदस्य हटाकर पांच मुस्लिम लीग के सदस्य शामिल किए गए। इस प्रकार अंतरिम मंत्रिमंडल में कुल 15 सदस्य हो गए जो निम्नलिखित हैं।

*अंतरिम मंत्रिमंडल
अध्यक्ष।          - माउंटबेटन
उपाध्यक्ष         -पंडित जवाहरलाल नेहरू
गृहमंत्री           -सरदार बल्लभ भाई पटेल
रक्षा मंत्री         -बलदेव सिंह
श्रम मंत्री         -बाबू जगजीवन राम
उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री  -जॉन मथाई
कृषि एवं खाद्य मंत्री। - डॉ राजेंद्र प्रसाद खान
खनिज बंदरगाह मंत्री -सी एच भाभा
शिक्षा मंत्री -श्री राजगोपाल चारी

*मुस्लिम लीग के मंत्री
वित्त मंत्री। - लियाकत अली
विधि मंत्री -जोगेंद्र नाथ मंडल
संचार मंत्री -अब्दुल रब निस्तार
वाणिज्य मंत्री -आईआई चुंदरीकर
स्वास्थ्य मंत्री -गजनफर अली खान

*अंतरिम मंत्रिमंडल के सभी सदस्य वायसराय की कार्यकारी परिषद में भी सदस्य थे।
*आलोचना यह एक दलीय देश की एक दलीय सभा थी।अर्थात सभा ही कांग्रेश थी वह कांग्रेसी भारत था ।ग्रेनविले ऑस्टिन
*संविधान सभा हिंदुओं का निकाय है (विंस्टन चर्चिल।)

(माउंट बेटन योजना)
विधान सभा की कार्यवाही में बार बार बाधा पड़ने के कारण ब्रिटेन के प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली ने घोषणा की 20 फरवरी 1947 को भारत जून 1948 तक आजाद हो जाएगा, और इसी वजह से वे बिल के स्थान पर माउंटबेटन को भारत का वायसराय बनाकर भेजा लॉर्ड माउंटबेटन ने कुछ ही दिनों में 9 जून को एक ही योजना प्रस्तुत किया। जिसे 3 जून की योजना या माउंटबेटन योजना कहते हैं इस योजना को कांग्रेस मुस्लिम लीग व सभी बड़े दल सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिए यह योजना निम्न थी।

 1-भारत पाक दो राष्ट्र बनेंगे।

 2-दोनों देशों का अपना अलग अलग संविधान सभा होगा जो संविधान का निर्माण करेगा।

 3- पश्चिम सीमा प्रांत वसींद को भारत से अलग कर पाकिस्तान बनाया जाएगा बंगाल व पंजाब में जनमत संग्रह के आधार पर बंटवारा होगा।

 (भारत स्वतंत्रता अधिनियम)

24 जुलाई 1947 को ब्रिटेन की सदन में भारत स्वतंत्रता अधिनियम पारित हो गया इस अधिनियम में निम्न बातें शामिल थी।

1- 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र होगा।

2- भारत एक पाकिस्तान दो राष्ट्र बनेंगे पाकिस्तान में भारत का उत्तर पश्चिम सीमा प्रांत सिंध पूर्वी बंगाल पश्चिमी पंजाब एवं आसाम का सिलसिला क्षेत्र शामिल होंगे ।

3- भारत एवं पाकिस्तान की सीमा का निर्धारण के लिए सर रेडक्लिफ की अध्यक्षता में सीमा आयोग का गठन होगा।

4- भारत चाहे तो कामनवेल्थ में शामिल हो या ना हो उसे पूर्ण स्वतंत्रता है। उसकी संप्रभुता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

5- भारत सचिव का पद समाप्त ।

6- वायसराय के स्थान पर गवर्नर जनरल का पद घोषित किया गया लेकिन अब गवर्नर जनरल की नियुक्ति भारतीय अंतरिम मंत्रिमंडल की सलाह पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री द्वारा किया जाएगा ।

7- भारतीय संविधान सभा की कुल सीटें घटकर 299 हो गई ।

8- संविधान सभा ही विधानमंडल का कार्य करती करेगी जो 1935 के अधिनियम द्वारा अपनी कार्यप्रणाली संचालित करेगी।

9- भारत का पाकिस्तान किसी में भी शामिल होने का अधिकार है।

(संविधान का निर्माण / प्रारूप समिति)

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