भाग 1 अनुच्छेद 1-4 तक राज्य तथा राज्य की परिभाषा, राज्य पुनर्गठन अधिनियम indian constitution

भाग 1 अनुच्छेद 1-4 तक राज्य तथा राज्य की परिभाषा, राज्य पुनर्गठन अधिनियम

भाग -1 (अनुच्छेद 1–4 तक)


*अनुच्छेद 1 –भारत अर्थात इंडिया राज्य का संघ होगा भारत के राज्यों में वे राज्य शामिल हैं जिनके बारे में अनुसूची 1 में दिया गया गया है। राज्य क्षेत्र के अंतर्गत निम्न शक्तियां होंगी राज्य एवं संघ राज्य में राज्य जो अर्जित किए गए हैं।

राज्य संविधान सभा में हमारे देश के नाम के बारे में मतैक्य नहीं था। कुछ लोग इसका नाम भारत रखना चाहते थे। और कुछ लोग इंडिया इसलिए अनुच्छेद 11 में दोनों नाम एक साथ रखे गए। जिसकी शुरुआत होती है भारत अर्थात इंडिया भारत राज्यों का संघ है। ना कि संघ राज्य संविधान में यूनियन शब्द का प्रयोग किया गया है। जबकि अमेरिका के संविधान में फेडरल दोनों शब्दों में अंतर है फेडरल उस संघ को कहते हैं जहां संघ का निर्माण राज्य किस समझौते का परिणाम है। और राज्य जब चाहे केंद्र से अलग हो सकता है लेकिन यूनियन का तात्पर्य उससे भिन्न है। यूनियन एक ऐसा संघ है जो किसी समझौते का परिणाम नहीं है। और राज्य को केंद्र से अलग होने का अधिकार नहीं है। राज्य बने हैं तो केवल प्रशासनिक सुविधा के लिए किया गया है l।भारत के राज्यों में निम्नलिखित शामिल है।

संघ राज्य

राज्य

वह राज्य जो अर्जित किए गए हैं

*अनुच्छेद (2)-

संसद विधि द्वारा कुछ शर्तों एवं निबंधन ओ को ध्यान में रखते हुए किसी विदेशी क्षेत्र को भारत में शामिल कर सकता है। संसद ऐसा कानून बनाकर ही कर सकता है इसका अनुसरण संविधान लागू होने के बाद किया गया।दमन दीव का अधिग्रहण भारत में किया जाना।

 दादर नगर हवेली, गोवा, पांडिचेरी एवं सिक्किम का समय किया जाना। अभी हाल में ही बांग्लादेश से लिया गया कुछ क्षेत्र।

*अनुच्छेद 3– नए राज्यों का निर्माण या राज्यों के सीमा क्षेत्र एवं नाम में परिवर्तन

1-नए राज्यों के निर्माण यार राज्यों के सीमा क्षेत्र एवं नाम में परिवर्तन करने के लिए निम्नलिखित शर्तों का पूरा होना आवश्यक है। एक विधेयक संसद द्वारा पारित होना चाहिए।

 2- विधेयक दोनों सदन द्वारा साधारण बहुमत से पारित होना चाहिए।

 3 विधेयक का प्रस्तुतीकरण राष्ट्रपति की सिफारिश पर होनी चाहिए।

 4- और राष्ट्रपति द्वारा सिफारिश करने से पहले जिन राज्यों का क्षेत्र प्रभावित हो रहा है। उन राज्यों के विधान मंडल द्वारा प्रतिवेदन राय प्राप्त करना आवश्यक है।लेकिन यदि निर्धारित समय में विधानमंडल की राय नहीं प्राप्त हुई तो राष्ट्रपति बिना राय जाने ही विधेयक की प्रस्तुतीकरण करा सकता है। राष्ट्रपति राज्यों की राय मानने के लिए बाध्य नहीं है।

*राज्यों का पुनर्गठन

राज्यों का गठन संसद द्वारा अनुच्छेद 3 के अंतर्गत किया जाता है। लेकिन नए राज्यों का निर्माण किस आधार पर हो इसके लिए प्रारंभ से ही मतभेद था।संविधान सभा के गठन से ही नए राज्यों की मांग का निर्माण भाषा के आधार पर करने की तेजी से उठने लगी कई छोटे-छोटे क्षेत्र जो भाषा के आधार पर बैठे थे। अपने एक नए राज्य के गठन के लिए अलग-अलग मांग करने लगे इसलिए संविधान सभा की अध्यक्षता डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा एस के धर की अध्यक्षता में 27 नवंबर 1947 में एक कमेटी गठित की गई। इसमें कुल 4 सदस्य थे इस कमेटी ने रिपोर्ट 10 दिसंबर 1948 को प्रस्तुत की इस रिपोर्ट ने राज्य का गठन प्रशासनिक भगोली वित्तीय एवं विकास की सुविधा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन का सुझाव दिया और रिपोर्ट में भाषा के आधार पर नए राज्यों के गठन को सिरे से नकार दिया। इस कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस ने भी राज्य के गठन से संबंधित जेबीपी जवाहरलाल नेहरू वल्लभभाई पटेल तथा पट्टाबी सीतारामय्या इस कमेटी में 3 सदस्य थे इस कमेटी ने भी भाषा के आधार पर नए।राज्यों के गठन को 1 अप्रैल 1949 को अस्वीकार कर दिया आगे चलकर भाषा के आधार पर नए राज्य की मांग तेजी से उठने लगी जिसमें पार्टी श्री रमोल्लू ने मद्रास राज्य के तेलुगू भाषा से क्षेत्र के लिए अलग राज्य आंध्रा की मांग के लिए आमरण अनशन पर बैठे जिनकी 56 दिन बाद 15 दिसंबर 1952 को मृत्यु हो गई जिससे प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आंध्रप्रदेश नामक नए।राज्य की घोषणा कर दी जिसका गठन 1 अक्टूबर 1953 को किया गया तथा आंध्र प्रदेश का गठन मद्रास को विभाजित करके किया गया। अतः भाषा के आधार पर गठित होने वाला पहला राज्य आंध्रप्रदेश बना।

अंत में सन 1953 में राज्यों के पुनर्गठन से संबंधित फजल अली की अध्यक्षता में त्रिस्तरीय सदस्य की कमेटी गठित की गई थी। इस कमेटी में फजल अली के अलावा हृदयनाथ गुंज्रु और केएम निकर राज्य पुनर्गठन आयोग गठित किया गया। इस आयोग ने 30 दिसंबर 1955 को अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी इस रिपोर्ट के आधार पर राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 में पारित किया गया। इस अधिनियम के अनुसार संविधान में सातवां संशोधन किया गया और मूल संविधान के राज्यों को चार श्रेणी में रखा गया को राज्य राज्य राज्य तथा राज्य को समाप्त कर 14 राज्यों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों का गठन किया गया। फजल अली की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में 16 राज्यों और तीन संघ शासित राज्यों के गठन की मांग की ज्ञात है कि 1946 के बाद भारत में कुल राज्यों की श्रेणी में बांटा गया।

श्रेणी क। 9 राज्य

श्रेणि ख। 9 राज्य

श्रेणी ग 10 राज्य

श्रेणी घ। 1 राज्य

*इन सभी श्रेणी के राज्यों को हटाकर फजल अली की रिपोर्ट में कुल 16 राज्य और 3 संघ शासित राज्य के गठन की प्रस्तुति की गई फजल अली के रिपोर्ट के आधार पर राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 में पारित हुआ इस अधिनियम द्वारा 14 राज्य व 5 संघ शासित राज्यों का गठन किया गया।

14 वें संविधान संशोधन अधिनियम 1962 द्वारा पुदुचेरी को भारत का छठा केंद्र शासित राज्य बनाया गया ज्ञात है कि सन 1954 ईस्वी में फ्रांसीसी हो से समझौता करके माहिया नाम और कार्यकाल को भारत में मिला लिया गया था। जिसे सन 1962 में भारत का छठा केंद्र शासित राज्य बनाया गया। और पुर्तगालियों के अधीन दमन एवं दीव गोवा को विजय ऑपरेशन द्वारा सन् 1961 में सैनिक कार्यवाही द्वारा भारत में मिलाया गया। तीन सौ क्षेत्र दमन दीव और गोवा को एक साथ भारत का सातवां केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया 1956 अधिनियम द्वारा गठित 14 राज्यों और पांच संघ शासित प्रदेशों को संविधान की प्रथम अनुसूची में 7 वां संविधान संशोधन अधिनियम 1956 द्वारा जोड़ा गया।

राज्यों का निर्माण क्रम तिथि और किस राज्य से अलग हुआ

15 वां राज्य गुजरात मुंबई से अलग हुआ 1960 में 16 वां राज्य नागालैंड असम से अलग हुआ 1963 में 17 हमारा जी हरियाणा पंजाब से अलग हुआ 1966 में 18 वां राज्य मेघालय आसाम से अलग हुआ 1972 में 19 वा राज्य मणिपुर असम से अलग हुआ 1972 में 20 राज्य त्रिपुरा आसाम से अलग हुआ 1972 में 21 राज्य हिमाचल प्रदेश पंजाब से अलग हुआ 1971 में 22 राज्य सिक्किम अधिग्रहण द्वारा 1975 में 23 वां राज्य मिजोरम असम से अलग हुआ 1986 में 24 राज्य अरुणाचल प्रदेश असम से 1986 में संघ शासित प्रदेश को बदलकर 1987 में छत्तीसगढ़ 1 नवंबर मध्य प्रदेश उत्तराखंड उत्तर प्रदेश से अलग झारखंड बिहार से अलग हुआ तेलंगाना आंध्र प्रदेश।

Note- 1974 में 35 वें संविधान संशोधन द्वारा सिक्किम को भारत के 6 राज्य का दर्जा दिया गया तथा 36 में संविधान संशोधन 1975 द्वारा उसे पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान करते हुए भारत का 22 वां राज्य बनाया गया।

1987 में मिजोरम 23 वा तथा अरुणाचल प्रदेश 24 वा को पूर्ण राज्य बनाया गया पुनः 56 में संविधान संशोधन अधिनियम 1987 द्वारा गोवा को 25 वां राज्य बना दिया गया।

1 नवंबर 1956 को राज्य पुनर्गठन अधिनियम द्वारा गठित कुल 14 राज्य एवं पांच संघ शासित राज्यों के नाम निम्नलिखित हैं।

राज्य

संघ शासित राज्य-अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह नई दिल्ली त्रिपुरा मणिपुर लक्ष्यद्वीप।

1961 में दादर नगर हवेली संघ शासित राज्य और गोवा दमन और दीव 1962 में संघ शासित राज्य बना।

69 में संविधान संशोधन अधिनियम 1991 द्वारा संघ शासित क्षेत्र दिल्ली का नाम बदलकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि संघ राज्य क्षेत्रों का प्रशासन राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है।

भाग /part-2 नागरिकता citizonship अनुच्छेद 5-11

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