स्फीति सिद्धांत ब्रम्हांड का 96% भाग डार्क मैटर, डार्क मैटर की त्रिआयामी तस्वीर, मैप और महा विस्फोट, inflationary Theory, , MAP And Big Bang Theory
स्फीति सिद्धांत
अमेरिकन वैज्ञानिक एलन गूथ Alen Guth ने 1980 में स्थिति सिद्धांत का प्रतिपादन किया। उनके अनुसार ब्रह्मांड के जुड़े द्रव्यमान के घनत्व की तुलना में उसका वास्तविक घनत्व बहुत अधिक है। इससे निष्कर्ष निकलता है कि ब्रह्मांड में अदृश्य काले पदार्थ का अस्तित्व है। यद्यपि बिगबैंग तथा स्थिति सिद्धांत लगभग एक जैसे हैं क्योंकि उनकी कई मान्यताएं उभयनिष्ठ हैं। उनमें अंतर मात्र इस तथ्य से संबंधित है कि विशालकाय अग्नि पिंड के विस्फोट के 1 सेकेंड के अंदर किस प्रकार की घटनाएं घटी स्थित सिद्धांत के अनुसार विशालकाय अग्नि पिंड के जोरदार विस्फोट के बाद अति अल्प काल में ब्रह्मांड का असाधारण त्वरित गति से फैला हुआ इस प्रक्रिया के दौरान 1 सेकंड के अल्फाज के अंतर्गत ही ब्रह्मांड के आकार में कई गुना वृद्धि हो गई बाद में काले पदार्थ के समूह से आकाशगंगा ओं का निर्माण हुआ। इनके विस्फोट के जनित पदार्थों के समूह से निर्मित विंडो द्वारा तारों का निर्माण हुआ तथा तारों के विस्फोट से उत्पन्न पदार्थों के समूह ने एवं संगठन से ग्रहों का निर्माण हुआ।
ब्रह्मांड का 96% भाग डार्क मैटर
एमस्टरडम नीदरलैंड्स विश्व के भौतिकशास्त्रयों का सम्मेलन सितंबर 2007 में आयोजित किया गया था।सम्मेलन में बड़ी संख्या में शोध पत्र पढ़े गए थे। सबसे विशद चर्चा हुई भौतिकी के नोबेल पुरस्कार विजेता 1980 जेम्स वाटसन क्रोनिन के डार्क मैटर और डार्क एनर्जी संबंधित खोज पर इस अन्वेषण के अनुसार ब्रह्मांड का 96% भाग डार्क मैटर और डार्क एनर्जी के ऐसे रूपों से निर्मित है जिनके बारे में हम कुछ भी नहीं जानते हैं हमें गलतफहमी है कि हम ब्रह्मांड के बारे में बहुत जानते हैं लेकिन सत्य तो यह है कि हम इसकी केवल 4% भाग से ही परिचित हैं। ज्ञातव्य है कि नासा के उपग्रह wm126 एवं अंतरिक्ष में परिक्रमा कर रही वेधशाला विलकिंग्सन माइक्रोवेव ऐसे भी ब्रह्मांड संबंधी उपरोक्त तथ्यों की पुष्टि होती है।
शोध में बताया गया कि ब्रह्मांड के नवीनतम मॉडल के अनुसार कॉस्मिक ऊर्जा का 73% भाग डार्कएनर्जी और 23% डार्कमैटर के रूप में है यह पदार्थ के ऐसे छिपे हुए और अनजाने रूप हैं जो अंतरिक्ष को बांधे रखने के अतिरिक्त इसमें हो रहे अनवरत विस्तार को गति देते हैं शेष बचे हुए 4% में यह सामान्य अदृश्य पदार्थ आता है इसके जिसके अणुओं और परमाणुओं से हमारा दिखाई पड़ने वाला ब्रह्मांड बना है वैज्ञानिकों का मानना है कि डार्क मैटर न्यूट्रॉलीनक्श नाम के कडो से बना है।
ध्यातव्य है कि चीन ने 17 दिसंबर 2015 को ब्रह्मांड में डार्क मैटर की खोज के लिए डार्कमैटर पार्टिकल एक्स पोलर यानी डांस (dark matter particle explorer damep) का प्रक्षेपण किया था।
डार्क मैटर की तीन आयामी तस्वीर
अमेरिका के पासाडेना स्थित कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के 71 वैज्ञानिकों के एक दल ने प्रोफेसर रिचर्ड मेसी के नेतृत्व में रहस्यमय डार्क मैटर का बड़े पैमाने पर त्रिआयामी 3D नक्शा तैयार करने में सफलता प्राप्त की है। इसका प्रकाशन शोध पत्रिका नेचर में हुआ है नक्शा तैयार करने के लिए शोध दल ने ग्रेविटेशन लेसिंग तकनीकी की सहायता ली यह नक्शा हब्बल स्पेस टेलिस्कोप के कॉस्मिक इवोल्यूशन सर्वे के दौरान लिया गया पहली नजर में तो यह तस्वीर डार्क मैटर के संबंध में बनी अब तक की धारणाओं के अनुरूप ही दिखती है, परंतु सूक्ष्मता से देखने पर इसमें नवीनता दिखाई पड़ती है वैज्ञानिकों में डार्क मैटर के संबंध में नई जानकारी मिलने की उम्मीद अब इन संगठनों से ही जाती है इसके अध्ययन के बाद ही नई जानकारी सामने आएगी।
मैप और महा विस्फोट Map And Big Bang
मैप नासा द्वारा 30 जून 2001 को प्रेषित एवं खोजी उपग्रह था। इसका उद्देश्य था ब्रह्मांड उत्पत्ति के महा धमाका सिद्धांत बिगबैंथिअरी की पुष्टि करना मैप के से प्राप्त चिन्नो चित्रों के आधार पर महा धमाका सिद्धांत पोस्ट हुआ है। मैं अपने यह भी आकृति किया है कि तारों का अस्तित्व महा विस्फोटक के प्रायः 40 करोड वर्ष बाद ही संभव हुआ। इस आधार पर ब्रह्मांड की आयु 13.7 वर्ष आकृति की गई यह उद्घोषणा ना सर ने 11 फरवरी 2003 में कि मैं परियोजना के प्रमुख डेविड विलकिंग्सन का सितंबर 2002 में निधन हो गया था जिसके सम्मान में मैप उपग्रह का नामकरण 11 फरवरी 2003 को कर दिया गया था।
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