महमूद गजनवी मोहम्मद गोरी का भारत पर आक्रमण

महमूद गजनवी 



उत्बी की पुस्तक किताब उल यामिनी तथा फिरदौसी के पुस्तक शाहनामा से यह जानकारी मिलती है कि महमूद गजनवी ने अपना पहला आक्रमण 1001 ई में पंजाब के हिंदू शाही शासक जयपाल के विरुद्ध किया था 1008  में उसके पुत्र आनंदपाल लाहौर में को हराया 1008 ई में उसके पुत्र आनंदपाल लाहौर में को हराया 1025 में उसका 15 में आक्रमण सोमनाथ के मंदिर पर हुआ इस आक्रमण के दौरान उसने लगभग 50000 ब्राह्मणों का कत्ल करा दिया। उसका सत्र हम आक्रमण 1027 ईसवी में हुआ जो मुल्तान के जाटों एवं खोखर ओं के विरुद्ध हुआ 1030 ईस्वी में गजनी में उसकी मृत्यु हो गई।
तारीख ए गुजरा नामक ग्रंथ के अनुसार उसने शैतान के राजा खिलाफ बीन अहमद को पराजित कर सुल्तान की उपाधि धारण की।

अलबरूनी 
इसका मूल नाम अबू रिहान था यह महमूद गजनवी के साथ भारत आया था महमूद गजनव ने इसे ज्योतिष के पद पर रखा था इतिहास लिखने का दूसरा चरण अलबरूनी से ही प्रसिद्ध होता है अलबरूनी ऐसा पहला मुसलमान था जिसने भारतीय पुराणों का अध्ययन किया था इसने तहकीक ए हिंद किताब उल हिंद नामक पुस्तक की रचना की इसका हिंदी में अनुवाद रजनी कांत शर्मा ने किया था इसे अंग्रेजी में अनुवाद इंडिका
 एंड अकाउंट फॉर्म रिलेशन के नाम से एडवर्ड सी सचिव ने लिखा था
मोहम्मद गौरी
मोहम्मद गौरी भारत पर आक्रमण के समय गजनी का शासक था इसका प्रथम आक्रमण 1175 एचडी में सुल्तान के विरुद्ध हुआ था इसका दूसरा अभियान 1175 ईसवी में हुआ यह अभियान गुजरात के शासक मूलराज द्वितीय भीम द्वितीय पर किया मूलराज द्वितीय ने गौरी को बुरी तरह हराया गोरी कि संभवतः भारत में पहली हार थी।
तराइन का युद्ध 1191 
यह युद्ध पृथ्वीराज तृतीय व मोहम्मद गौरी के मध्य हुआ था मोहम्मद गौरी बुरी तरह पराजित किया यह मोहम्मद गोरी को कि संभवत द्वितीय हार थी।
तराइन का द्वितीय युद्ध 1192
यह पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गौरी के मध्य हुआ पृथ्वीराज को गोरी ने बंदी बना लिया और कालांतर में उसकी हत्या कर दी।
चंदावर का युद्ध इटावा
यह युद्ध गढ़वाल राजपूत नरेश जयचंद और मोहम्मद गौरी के मध्य हुआ मोहम्मद गोरी ने जयचंद की हत्या कर दी।
मोहम्मद गोरी ने अपना अंतिम अभियान 1205 ईस्वी में किया यह आक्रमण को घरों के विरुद्ध था 1206 में वापस गजनी जाते समय द यमक नामक स्थान पर हो खोखरो ने मोहम्मद गौरी की हत्या कर दी।

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